Painting by - Ayushi Jain |
मासूम सी ये उँगलियाँ ,
और ये नन्ही सी मुस्कान ...
पलकों पे सजाए रखा है ,
सपनो का ये जहाँ ...
कुछ नटखट सी अदाएँ ,
तो कुछ शरारत भरी आँखें ...
हर गलती को छुपाती है ,
इसके मन की ये सब बातें ...
रुई की गरम रज़ाई में ,
तो कभी माँ के आँचल में ....
लोरी सुनके जो सोता है ,
ये अपने छोटे से महल में ....
न कभी थकता है ,
न कभी रुकता है ...
डांटों तो आंसू बहाता है ,
मेरे लाल तू मुझे बहुत सताता है ....
बचपन की जो ये यादें तेरी ,
आज पिरोके रखी है ....
भूल जाए अगर तू मुझे ,
तो ये यादें संजोके रखी है ....
तो ये यादें संजोके रखी है ....
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